सर्वांगासन (Shoulder Stand) करने के फायदे और करने का तरीका।

सर्वांगासन, जिसे “शोल्डर स्टैंड” भी कहा जाता है, एक योग आसन है जो शरीर के अधिकांश अंगों को एक साथ सक्रिय करता है और विशेष रूप से गर्दन, कंधे, पीठ और पैरों को मजबूती प्रदान करता है। यह आसन शरीर को उल्टा करने का एक तरीका है, जिससे शरीर का रक्त संचार बेहतर होता है और मानसिक शांति भी मिलती है। सर्वांगासन को एक उच्च स्तरीय योग आसन माना जाता है, जिसे एकाग्रता और शारीरिक लचीलापन बढ़ाने के लिए किया जाता है।

सर्वांगासन के फायदे:

  1. रक्त संचार में सुधार: सर्वांगासन शरीर के रक्त संचार को बढ़ाता है। जब शरीर उल्टा होता है, तो यह हृदय को अतिरिक्त रक्त की आपूर्ति करता है और मस्तिष्क को भी अधिक ऑक्सीजन प्राप्त होती है। इससे मानसिक स्पष्टता और ऊर्जा में वृद्धि होती है।

2. गर्दन, कंधे और पीठ को मजबूत बनाता है: सर्वांगासन कंधों, गर्दन और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह उन लोगों के लिए खासतौर से फायदेमंद है जिनके पास पीठ दर्द या कंधे के दर्द की समस्या होती है।

3. मनोबल में वृद्धि: यह आसन मानसिक शांति और संतुलन को बढ़ावा देता है। जब शरीर उल्टा होता है, तो यह मानसिक तनाव को कम करने और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करता है। इसके नियमित अभ्यास से तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है।

4. पाचन तंत्र को सुधारता है: सर्वांगासन पाचन तंत्र के कामकाज को बेहतर बनाता है। जब शरीर उल्टा होता है, तो यह आंतों और पेट पर दबाव डालता है, जिससे पाचन क्रिया में सुधार होता है और कब्ज की समस्या दूर होती है।

5. हॉर्मोनल संतुलन में मदद करता है: सर्वांगासन से शरीर के विभिन्न ग्रंथियाँ सक्रिय होती हैं, विशेष रूप से थायरॉयड और पैराथायरॉयड ग्रंथियाँ। यह हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और मेटाबोलिज्म को उत्तेजित करता है।

6. सांस की समस्या में राहत: सर्वांगासन से श्वास नलिकाएँ खुलती हैं, जिससे अस्थमा और अन्य सांस की समस्याओं से राहत मिलती है। यह फेफड़ों को साफ करने और बेहतर सांस लेने में मदद करता है।

7. त्वचा में निखार: जब सर्वांगासन किया जाता है, तो यह रक्त प्रवाह को चेहरे की ओर बढ़ाता है, जिससे त्वचा पर निखार आता है और झुर्रियाँ कम होती हैं।

8. मस्तिष्क को शांति मिलती है: यह आसन मस्तिष्क को शांति और सुकून प्रदान करता है। यह योगिक आसनों में से एक है जो मानसिक स्पष्टता और ध्यान को बढ़ाता है, और मानसिक थकान को भी दूर करता है।

सर्वांगासन करने का तरीका:

  • आरंभिक स्थिति: सबसे पहले, अपनी पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। अपने पैरों को एकसाथ रखें और हाथों को शरीर के पास रखें।
  • पैरों को उठाना: धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर की ओर उठाएं, जैसे आप एक सीधी रेखा बना रहे हों।
  • कमर और पेल्विक को उठाना: जब आपके पैरों को ऊँचा कर लिया, तो अपनी कमर और पेल्विक को भी धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। इस स्थिति में शरीर का अधिकांश वजन कंधों और सिर पर होता है।
  • हाथों से सहारा देना: जब आपका शरीर ऊपर की ओर स्थिर हो जाए, तो अपने हाथों से अपनी पीठ को सहारा दें। आपके हाथ आपके शरीर के वजन को संतुलित करते हैं।
  • सिर और गर्दन का ध्यान रखें: सर्वांगासन के दौरान सिर और गर्दन को दबाव में न लाएं। सिर और गर्दन को हल्के से जमीन से उठाकर कंधे और पीठ पर संतुलन बनाए रखें।
  • समाप्ति की स्थिति: इस स्थिति में कम से कम 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें। फिर धीरे-धीरे शरीर को नीचे लाकर शांति से लेट जाएं।

सावधानियाँ:

  • सर्वांगासन को गर्भवती महिलाएं, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारियों, या गर्दन और पीठ के गंभीर समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों को नहीं करना चाहिए।
  • इसे खाली पेट ही किया जाना चाहिए, ताकि शरीर में कोई अड़चन न हो।
  • यदि इस आसन के दौरान कोई असुविधा महसूस हो, तो तुरंत इसे बंद कर दें और आराम करें।

सर्वांगासन एक अत्यंत प्रभावी और लाभकारी योग आसन है। यह शरीर और मस्तिष्क दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। हालांकि, इसे करते समय सही तकनीक और सावधानियाँ अपनानी चाहिए ताकि इसका अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके। इसके नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।