“ॐ मंत्र की वैज्ञानिक और आध्यात्मिक शक्ति।

ॐ मंत्र की ऊर्जा एक ध्वनि जो चेतना को जाग्रत करती है क्या आपने कभी “ॐ” मंत्र को आँखें बंद करके, ध्यान से सुना है?उसकी गूंज न सिर्फ कानों में होती है, बल्कि लगता है जैसे वो हमारे भीतर कुछ जगा रहा हो। वो सिर्फ एक शब्द नहीं है वो एक अनुभव है। “ॐ” (AUM) को सृष्टि की मूल ध्वनि माना जाता है। यह वो कंपन है जिससे ब्रह्मांड की रचना हुई। और आज, इसी ध्वनि को ध्यान, प्राणायाम और योग के अभ्यास में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

ॐ मंत्र क्या है?

“ॐ” एक बीज मंत्र (बीज = मूल) है। यह तीन ध्वनियों से मिलकर बना है

  • A () — जाग्रत अवस्था
  • U () — स्वप्न अवस्था
  • M () — सुषुप्ति (नींद) अवस्था

और इन तीनों के बाद जो मौन आता है, वह है चतुर्थ अवस्था यानी शुद्ध चेतना।

ॐ मंत्र की वैज्ञानिक व्याख्या

आज विज्ञान भी मानता है कि “ॐ” के उच्चारण से निकलने वाली ध्वनि-तरंगें शरीर और दिमाग पर गहरा असर डालती हैं।

1. मस्तिष्क की तरंगों में बदलाव

ॐ का उच्चारण करने से अल्फा वेव्स (alpha brain waves) उत्पन्न होती हैं। ये वे तरंगें हैं जो तब बनती हैं जब हमारा दिमाग शांत, जागरूक और रिलैक्स होता है।

2. वाइब्रेशन थेरेपी

ॐ का उच्चारण विशेष कंपन (vibration) उत्पन्न करता है, जो शरीर के सेल्स और नाड़ियों को प्रभावित करता है। विशेष रूप से गले, हृदय और मस्तिष्क पर।

3. स्ट्रेस हार्मोन में कमी

अनुसंधानों में पाया गया है कि जो लोग रोज़ 5–10 मिनट “ॐ” मंत्र का जाप करते हैं, उनके शरीर में cortisol (तनाव हार्मोन) की मात्रा कम होती है।

ॐ मंत्र के आध्यात्मिक लाभ
1. ध्यान में गहराई लाता है

ॐ का जप एक ऐसी ध्वनि बनाता है जिससे ध्यान स्वाभाविक रूप से गहरा होता है। यह मन को एकाग्र करता है, और विचारों की भीड़ कम करता है।

2. आत्मा से जुड़ाव

ॐ वह ध्वनि है जो आपको बाहर की दुनिया से हटाकर अंदर की ओर ले जाती है। यह आत्म-साक्षात्कार की ओर पहला कदम हो सकता है।

3. आभामंडल (Aura) की सफाई

कहा जाता है कि ॐ का नियमित जप आपके चारों ओर की नकारात्मक ऊर्जा को साफ करता है और आपकी आभा (aura) को तेज करता है।

ॐ मंत्र का जप कैसे करें?

समय: सुबह जल्दी या रात को सोने से पहले

स्थान: शांत जगह, खुला वातावरण

अवधि: शुरुआत में 5–7 मिनट, फिर धीरे-धीरे बढ़ाएँ

विधि:

1. सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएँ

2. आँखें बंद करें, लंबी गहरी साँस लें

3. अब एक लंबी ध्वनि में “ॐ” बोलें

  • अ” को 2 सेकंड, “उ” को 2 सेकंड, और “म” को 4 सेकंड

4. फिर 2 सेकंड का मौन

5. यह एक चक्र हुआ ऐसे 11 से 21 बार दोहराएँ

ध्यान देने योग्य बातें
  • ॐ का जप हमेशा सम्मान और भावना के साथ करें जब भी करें,
  • अपनी पूरी उपस्थिति (presence) के साथ करें
  • उच्चारण में जल्दबाज़ी न करें यह एक धीमी, गहरी प्रक्रिया है

“ॐ” कोई शब्द नहीं यह एक ध्वनि रूपी ऊर्जा है, जो आपके अस्तित्व को छू सकती है।जब आप इसे रोज़ जपते हैं, तो ये आपकी सोच, शरीर, आत्मा और ऊर्जा को बदल सकता है। यह आपकी भीतरी यात्रा की चाबी हो सकता है जहाँ आप खुद से जुड़ने लगते हैं। तो आज से शुरुआत करें सिर्फ 5 मिनट ‘ॐ’ के साथ और देखें जीवन कैसे बदलता है।